WHY MUSLIMS ARE HATED,
HINDUS ARE CHEATED
CRISTIANS ARE ELEVATED
& OTHER RELIGION ARE DELEGATED
THERE MUST BE SOME REASON
RELIGION IS THERE .....
BUT IS THERE ANYONE WHO REALLY CARE
DONT DIVIDE YOURSELF ACCORDING TO RELIGION
FOLLOW THE PATH OF GOODNESS &
ENJOY LIFES EVERY SEASON
FOR YOUR OWN FOLLY DONT BLAME THE RELIGION
THERE MUST BE SOME MISTAKE,AMEND IT
& MAKE IT A LESSON
RELIGION IS THERE ....
BUT IS THERE ANY NEED TO CARE
WHO IS DARK & WHO IS FAIR
YES RELIGION IS THERE....
DONT MIX IT WITH POLITICS BEWARE
BECAUSE IT WILL HURT FROM EVERY WHERE
YES RELIGION IS THERE .....
BUT ALAS WHO CARES
BUT ALAS WHO CARES.....
Sunday, May 31, 2009
Thursday, May 14, 2009
समर्पना
अर्पण कर दिया मैंने जो करना था अर्पण
आज निसार हो गया हू मैं
कर दिया है आज पुरा समर्पण
मेरा कुछ नही रहा अब मेरा
स्वीकार करो अब सब कुछ है तेरा
कर लो अब मेरा यह निवेदन स्वीकार
मैं हू निष्पाप अब
यही है मेरा व्यहार
कोई नज़र नही आता
सिवाए तुम्हारे जब देखता हू दर्पण
अब अपने जीवन का तुमसे करना चाहता हू मैं तर्पण
स्वीकार करो मेरी यह अर्पणा
मेरे जीवन मैं बस यही कर्मणा
अर्पण कर दिया मैंने जो करना था अर्पण
आज निसार हो गया हू मैं
कर दिया है आज पूरा समर्पण ।
पीयूष चंदा
आज निसार हो गया हू मैं
कर दिया है आज पुरा समर्पण
मेरा कुछ नही रहा अब मेरा
स्वीकार करो अब सब कुछ है तेरा
कर लो अब मेरा यह निवेदन स्वीकार
मैं हू निष्पाप अब
यही है मेरा व्यहार
कोई नज़र नही आता
सिवाए तुम्हारे जब देखता हू दर्पण
अब अपने जीवन का तुमसे करना चाहता हू मैं तर्पण
स्वीकार करो मेरी यह अर्पणा
मेरे जीवन मैं बस यही कर्मणा
अर्पण कर दिया मैंने जो करना था अर्पण
आज निसार हो गया हू मैं
कर दिया है आज पूरा समर्पण ।
पीयूष चंदा
Friday, May 8, 2009
आईना
आईने बहुत है हज़ार ज़िन्दगी मैं
दीवारों की कमी नही
पैमाने लाखो हैं ज़िन्दगी मैं
दीवानों की कमी नहीं
कभी हँसी का परदा
छुपा लेता है अकेलेपन को
कभी खामोश चेहरा समां जाता हैं चकाचौंध मैं
धीरे से कोई ख्वाब
बस जाए उस दिल मैं दुआ है मेरी
धीरे से वो नूर लौट आए
इल्तिजा है मेरी
कितनी बेत्कलुफ़ है ज़िन्दगी
की संगदिल से ही होती है
दिल्लगी बार बार
और आलम तो देखो की फिर यह
गलती जानबूझकर करना चाहता है यह दिल
चाँद की रौशनी जन्म लेती है सूरज से
पर इंसान कहा से लाये अपने पास अपने नूर को
छुपा है वो उसके अन्दर ही कही
बस पहचान कर खोजने की देरी है
खुबसूरत होगा वो आईना जो बता दे
कहा है वो नूर छुपा
आईने बहुत है हज़ार
बस आईना खोजने की देरी है
पैमाने लाखो है जिंदगी मैं
बस निगाह चाहिए खोजने की
पीयूष चंदा
दीवारों की कमी नही
पैमाने लाखो हैं ज़िन्दगी मैं
दीवानों की कमी नहीं
कभी हँसी का परदा
छुपा लेता है अकेलेपन को
कभी खामोश चेहरा समां जाता हैं चकाचौंध मैं
धीरे से कोई ख्वाब
बस जाए उस दिल मैं दुआ है मेरी
धीरे से वो नूर लौट आए
इल्तिजा है मेरी
कितनी बेत्कलुफ़ है ज़िन्दगी
की संगदिल से ही होती है
दिल्लगी बार बार
और आलम तो देखो की फिर यह
गलती जानबूझकर करना चाहता है यह दिल
चाँद की रौशनी जन्म लेती है सूरज से
पर इंसान कहा से लाये अपने पास अपने नूर को
छुपा है वो उसके अन्दर ही कही
बस पहचान कर खोजने की देरी है
खुबसूरत होगा वो आईना जो बता दे
कहा है वो नूर छुपा
आईने बहुत है हज़ार
बस आईना खोजने की देरी है
पैमाने लाखो है जिंदगी मैं
बस निगाह चाहिए खोजने की
पीयूष चंदा
Saturday, May 2, 2009
मिथ्यप्रकाश
आज के मिथ्या से कल सत्य प्रकाशित होगा
आज के अंधकार से कल का आकाश प्रज्वलित होगा
नित्य वियोग से अदभुत संयोग होगा
कल के प्रयोग से आज उपयोग होगा
काल के परिमान पर कल का सम्मान होगा
आज के विज्ञानं से कल महान होगा
मिथ्या की परिभाषा ही सत्य की भाषा होगी
सुख की अंतरात्मा ही दुःख की आत्मा होगी
कल की परछाई ही आज की अच्छाई होगी
आज की अरुणाई ही कल की रुलाई होगी
निरंतर से अन्तर जन्म लेगा
काल से विकराल जन्म लेगा
किंतु मर्दन का संयोग ना होगा
अपितु परिमार्जित सत्य प्रकाश न होगा
केवल और केवल मिथ्यप्रकाश होगा
आज के मिथ्या से कल सत्य प्रकाश होगा
आज के सत्य से कल मिथ्यप्रकाश होगा
पीयूष चंदा
आज के अंधकार से कल का आकाश प्रज्वलित होगा
नित्य वियोग से अदभुत संयोग होगा
कल के प्रयोग से आज उपयोग होगा
काल के परिमान पर कल का सम्मान होगा
आज के विज्ञानं से कल महान होगा
मिथ्या की परिभाषा ही सत्य की भाषा होगी
सुख की अंतरात्मा ही दुःख की आत्मा होगी
कल की परछाई ही आज की अच्छाई होगी
आज की अरुणाई ही कल की रुलाई होगी
निरंतर से अन्तर जन्म लेगा
काल से विकराल जन्म लेगा
किंतु मर्दन का संयोग ना होगा
अपितु परिमार्जित सत्य प्रकाश न होगा
केवल और केवल मिथ्यप्रकाश होगा
आज के मिथ्या से कल सत्य प्रकाश होगा
आज के सत्य से कल मिथ्यप्रकाश होगा
पीयूष चंदा
Friday, May 1, 2009
विश्वास
विश्वास रखो जिंदगी मैं अभी
मान न कभी हार जिंदगी मैं कभी
मत समझो अपने आप को अकेला
तुम्हारे साथ है जिंदगी मैं सभी
माँ की शुभकामनाये , पिता का आशीर्वाद
बहिन के प्यार का रहेगा
तुम्हारे सर पे हाथ
बस छोड़ना नही विश्वास का साथ
विश्वास जिंदगी की पूंजी है
सफलता की एकमात्र कुंजी है
मेरे दोस्तों मेरे भाई
बस सभी को देना चाहता हु एक सफाई
यही है तुम्हारे पास एक अनमोल कमाई
दिल पे न लेना कभी असफलता को कभी
विश्वास को न टूटने देना कभी
जिन्दगी है भरी हुई उतरान चढान से
पर यही तो है जिन्दगी का मज़ा
वो इंसान ही क्या जो टूट जाए
मज़ा तो तब है जब वो उतरान से
चढान पर पहुच जाए
विश्वास रखो ज़िन्दगी मैं अभी
मान न कभी हार ज़िन्दगी मैं कभी
पीयूष चंदा
मान न कभी हार जिंदगी मैं कभी
मत समझो अपने आप को अकेला
तुम्हारे साथ है जिंदगी मैं सभी
माँ की शुभकामनाये , पिता का आशीर्वाद
बहिन के प्यार का रहेगा
तुम्हारे सर पे हाथ
बस छोड़ना नही विश्वास का साथ
विश्वास जिंदगी की पूंजी है
सफलता की एकमात्र कुंजी है
मेरे दोस्तों मेरे भाई
बस सभी को देना चाहता हु एक सफाई
यही है तुम्हारे पास एक अनमोल कमाई
दिल पे न लेना कभी असफलता को कभी
विश्वास को न टूटने देना कभी
जिन्दगी है भरी हुई उतरान चढान से
पर यही तो है जिन्दगी का मज़ा
वो इंसान ही क्या जो टूट जाए
मज़ा तो तब है जब वो उतरान से
चढान पर पहुच जाए
विश्वास रखो ज़िन्दगी मैं अभी
मान न कभी हार ज़िन्दगी मैं कभी
पीयूष चंदा
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