Thursday, April 30, 2009

जीवन परिभाषा

यत्र तत्र जीवन
मन्त्र तंत्र यंत्र जीवन
किंचित भी न विचित्र जीवन
मित्र सुंदर चित्र जीवन
विलक्षण किंतु परिष्कृत जीवन
जीवट अति सरंक्षित जीवन
विलास केवल न जीवन
परन्तु केवल विलाप न जीवन
केवल न संग्राम जीवन
थोड़ा सा व्ययाम जीवन
विभिन्न भिन्न आयाम जीवन
परन्तु नही पूर्ण विराम जीवन

पीयूष चंदा

1 comment:

  1. जीवन का अभियान दान-बल से अजस्र चलता है
    उतनी बढती ज्योति ,स्नेह जितना अनल्प जलता है
    'दिनकर'

    ReplyDelete

Followers